जन्म:- पाप मोचनी एकादशी संवत् 1073 सन् 1017ई0
माँ कर्मा आराध्य हमारी, भक्त शिरोमणी मंगलकारी । सेवा, त्याग, भक्ति उद्धारे, जन-जन में माँ अवतारे।।
परम् आराध्य साध्वी भक्ति शिरोमणी मॉ कर्माबाई देश-विदेश में आवासित करोड़ो-करोड़ो सर्व साहू तेली समाज की आराध्य देवी कर्माबाई की गौरव गाथा जन-जन के मानस में श्रद्धा भक्ति के भाव से विगत हजारों वर्षो से अंकित चली आ रही है। इतिहास के पन्नों पर उनकी पावन गाथा तथा उसने सम्बन्धित लोकगीत किंवदतिया और आख्यान इस बात के प्रमाण है कि मॉ कर्मबाई कोई काल्पनिक पात्र नहीं है। मॉ कर्माबाई का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी नगर में चैत्र कृष्ण पक्ष के पाप मोचनी एकादशी संवत् 1073 सन् 1017 ई0 को प्रसिद्ध तेल व्यापारी श्री राम साहू जी के घर में हुआ था। दिल्ली मुम्बई रेलमार्ग पर झांसी नगर रेलवे जक्शन जो वीरांगना गौरव महारानी लक्ष्मीबाई का कार्यक्षेत्र रहा है। इस झांसी नगर में भारी संख्या में प्रतिष्ठित राठौर साहू परिवार निवास करते हैं जो विभिन्न व्यवसाय में अग्रसर है। मॉ कर्माबाई बाथरी वंश की थी। श्री राम साहू की बेटी कर्माबाई से साहू वंश और छोटी बेटी धर्माबाई से राठौर वंश चला आ रहा है। इसलिए साहू और राठौर दोनों तैलिकवंशीय समुदाय के वैश्य समाज हैं।
साहू समाज की उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के प्राचीन ग्रामों में हुई थी, जहां उनके पूर्वज अत्यंत गरीब थे। उन्होंने अपने रोजगार के रूप में उत्पादन और विपणन की व्यवस्था की और इस प्रकार धीरे-धीरे समृद्धि हासिल की। साहू समाज के लोग खेती, पशुपालन, औद्योगिक क्षेत्र में काम करते हुए और अन्य व्यवसायों में अपना जीवन यापन करते हैं।
साहू समाज के इतिहास में संगठन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टि से उन्होंने बहुत से संगठनों की स्थापना की, जो सामूहिक उन्नयन और विकास के लिए काम करते थे। साहू समाज के संस्थापको
में से एक थे महाराज सहाब शाह, जो उनके धार्मिक और सामाजिक कार्यों में अत्यंत सक्रिय थे। उन्होंने सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन के लिए कई संस्थाओं की स्थापना की, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध ‘सहू जन सेवा समिति’ है।
साहू समाज के लोग धर्म एवं त्योहारों के अतिरिक्त भी अपने समाज के विकास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इनमें से कुछ आयोजन हैं: शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उत्पादन, खेती, और सामाजिक उन्नयन के लिए विभिन्न योजनाएं।
साहू समाज का इतिहास बहुत उल्लेखनीय है और यह समुदाय भारतीय समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभा रहा है। यह समाज अपने संस्कृति, विशेषताओं, और सामाजिक उत्साह के लिए जाना जाता है।